
India:- 19 मई 2025 को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर गंभीर आरोप लगाए। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव और सैन्य कार्रवाई के संदर्भ में विशेष रूप से चर्चा में रही। खेड़ा ने सरकार की रणनीति, कूटनीतिक फैसलों और सेना की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठाए, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी।
ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल
पवन खेड़ा ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार के रवैये पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक से पहले पाकिस्तान को इसकी जानकारी दी थी, जिसके कारण आतंकवादी सरगना हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे लोग बच निकलने में कामयाब रहे। खेड़ा ने सवाल उठाया, “क्या सरकार को आतंकियों पर इतना भरोसा था कि उन्हें पहले ही सूचित कर दिया गया? क्या इसी मुखबिरी के चलते मसूद अजहर को दूसरी बार बख्शा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की लापरवाही से भारतीय सेना की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ है।
विदेश मंत्री जयशंकर पर निशाना
खेड़ा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एक बयान का जिक्र करते हुए उनकी आलोचना की। उन्होंने जयशंकर की एक वीडियो बाइट का हवाला दिया, जिसमें उनके बयान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया। खेड़ा ने कहा, “जयशंकर जैसे बयान दे रहे हैं, जिससे पूरी दुनिया में हमारी हंसी उड़ रही है।” उन्होंने राहुल गांधी के बार-बार जवाब मांगने की बात को दोहराते हुए कहा कि सरकार को इस मामले में स्पष्टता लानी चाहिए।
अमेरिकी दावों पर सवाल
प्रेस कॉन्फ्रेंस में खेड़ा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने व्यापारिक समझौता वापस लेने की धमकी देकर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। खेड़ा ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार की कूटनीति इतनी कमजोर है कि विदेशी नेता इस तरह के दावे कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस पर सफाई देने की मांग की।
पहलगाम हत्या और पाकिस्तानी जासूसी
खेड़ा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई एक हत्या का मुद्दा भी उठाया और पूछा कि इसके दोषियों को कब तक सजा मिलेगी। इसके अलावा, उन्होंने पाकिस्तान से जुड़े जासूसी नेटवर्क में पकड़े गए लोगों की गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या इन मामलों में पारदर्शिता बरती जा रही है और क्या सेना और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
कांग्रेस का रुख और समर्थन
पवन खेड़ा ने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हमेशा सरकार का समर्थन किया है। उन्होंने हाल ही में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर दिए गए अपने बयान का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस ने पत्र लिखकर सरकार को पूर्ण समर्थन देने की बात कही थी। उन्होंने कहा, “यह राष्ट्र की मुहिम है, न कि किसी एक पार्टी की।” हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि समर्थन का मतलब जवाबदेही से मुंह मोड़ना नहीं है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
खेड़ा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ एक्स पोस्ट्स में दावा किया गया कि कांग्रेस ऑपरेशन सिंदूर के बाद से असहज है और पाकिस्तान की हार को देखकर वह सरकार पर हमला बोल रही है। वहीं, कांग्रेस समर्थकों ने खेड़ा के सवालों को जायज ठहराते हुए कहा कि सरकार को पारदर्शिता बरतनी चाहिए।
पवन खेड़ा की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस न केवल ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में सरकार की रणनीति पर सवाल उठाती है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी बहस छेड़ती है। खेड़ा ने सरकार से जवाब मांगते हुए यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस राष्ट्रीय हितों के साथ खड़ी है, लेकिन वह सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सवाल उठाना जारी रखेगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने एक बार फिर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तनाव को उजागर किया है।