रूस-यूक्रेन युद्ध:- रूस-यूक्रेन युद्ध, जो फरवरी 2014 में शुरू हुआ और 2022 में और तेज हो गया, अब अपने तीसरे साल में पहुंच गया है. यह यूरोप का सबसे बड़ा संघर्ष है, जिसमें हजारों सैनिक और नागरिक मारे गए हैं. रूस ने हाल ही में यूक्रेन पर सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए, खासकर सुमी शहर पर, जिससे यूक्रेन की ऊर्जा सुविधाओं को नुकसान पहुंचा. दूसरी ओर, यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में हमला कर वहां कुछ हिस्सों पर कब्जा किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस पर लगातार जवाबी हमले किए, जिसमें चीनी युद्धबंदियों की परेड भी शामिल है. दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है, लेकिन युद्धविराम की कोशिशें भी चल रही हैं.

अमेरिका ने रूस को दी कड़ी चेतावनी
अमेरिका इस युद्ध में मध्यस्थता की भूमिका निभा रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को बढ़ावा देने के लिए कई दौर की बातचीत की है. हाल ही में, ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी कि अगर युद्धविराम पर सहमति नहीं बनी, तो रूस पर 25-50% तेल टैरिफ लगाए जाएंगे. अमेरिका ने काला सागर में नौसैनिक संघर्ष रोकने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य सुरक्षित नेविगेशन और ऊर्जा ढांचे पर हमले रोकना है.

पुतिन ने बैठक में नहीं लिया हिस्सा
हालांकि, यूक्रेन को लगता है कि उसे वार्ता में शामिल नहीं किया जा रहा, जिससे यूरोपीय सहयोगियों में चिंता है. पुतिन और जेलेंस्की 15 मई को तुर्की में सीधी बातचीत करने वाले थे. लेकिन पुतिन ने इस बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया और इसके बजाय रूस ने एक निचले स्तर की प्रतिनिधिमंडल भेजा, जिसे जेलेंस्की ने “सजावटी” करार दिया. जेलेंस्की ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन से अंकारा में मुलाकात की, लेकिन वह स्वयं इस्तांबुल नहीं गए, जहां वार्ता होनी थी.